हक़ीक़त में न सही,,, पर ख्वाबों में तुम मिल गये... मेरी बेरंग ज़िन्दगी में,,,, इक नया रंग…
देखा जो आज इक ख्वाब,,, तो मंजर यूँ नज़र आया.... मेरी चाहतों का है,,, इक नया दौर आया... …
आसमान में छुपा था जो चाँद,,,, आज कुछ इस तरह जल गया,,, देखा जो मेरी चाँद मेरे पास ,,,, …