हक़ीक़त में न सही,,, पर ख्वाबों में तुम मिल गये... मेरी बेरंग ज़िन्दगी में,,,, इक नया रंग…
देखा जो आज इक ख्वाब तो मंजर यूँ नज़र आया मेरी चाहतों का है इक नया दौर आया आज बिन मांग…