Dheere Dheere Chal Ai Mahki Hawa | धीरे धीरे चल ऐ महकी हवा
हक़ीक़त में न सही
देखा जो आज इक ख्वाब
आसमान में छुपा था जो चाँद,,,,
Na zamaane ki fikar hai | न जमाने की फिकर है
जब भी देखोगे चेहरा अपना
Bahaaron Mein Dekha | बहारों में देखा नज़ारों में देखा
Ye Raat Nasheelee si hai | ये रात नशीली सी है
ऐ ज़िन्दगी यूँ न उलझा कर मुझसे
Jo tu naraj ho jayegi...