Jannat aur Duniya

Jannat aur Duniya

खुदा से जो इजाज़त मांगी हमने,,,
आने को इस दुनिया में....
पहले तो वो मुस्कुराये,,,
फिर दिया इजाज़त जाने को...

जो पूछा सबब मुस्कुराहट का,,,
तो खुदा ने ये कहा...
रखा तुझे ज़न्नत में,,,,
फिर क्यू जाना है तुझे दुनिया में...

मैंने कहा ज़न्नत भी तेरी,,,,
और दुनिया भी तेरी....
तो फ़र्क़ क्या है दोनों में,,,
तो खुदा ने ये कहा,,,,

ज़न्नत भी मेरी दुनिया भी मेरी,,,,
और मेरा सारा जहान है...
मेरी बनायीं चीजों में,,,
सबसे प्यारा इंसान है....

मैंने कहा वो लफ्ज़ नही,,,,
जो कर सकूँ तेरा शुक्रिया...
तो  इजाज़त दो मुझे,,,
जाने को दुनियां..

खुदा ने कहा ऐ मेरे बच्चे,,,
तू सह न पायेगा इस दुनिया के ग़म...
तुझको मिलेंगी  ठोकरें और ऐसे सितम,,,
जो  अपना  कह के छोड़ जायेंगे हर  कदम...

मैंने कहा  मौला  मेरे मैं हूँ  बंदा तेरा,,,
जो तू साथ है तो मुझको कोई  गम नही...
यक़ीन  है तुझ पर मुझे,,,,
बनाया होगा  मेरे जैसा  कोई...
जो हर  क़दम  बनके  हमसफ़र,,,,
साथ निभायेगा मेरा यूँही,,,T

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